कंधे पर पहचान का झोला लटकाये
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हिंदी की रचनात्मक दुनिया में अपने समकालीनों पर कविता लिखने की एक अच्छी और
सम्रिद्ध परम्परा है. कुछ समय पूर्व कवि श्याम प्रकाश जी ने भी अपने समकालीन
और प्...
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